FB न्यूज फीड में बड़ा बदलाव, जकरबर्ग ने कहा अब FB पर कम समय बिताएंगे लोग , II Facebook News Feed में जल्द होंगे ये बड़े बदलाव, फेसबुक यूजर्स के लिए रोल आउट होगा ये मजेदार फीचर , II फेसबुक पर दोस्तों और परिजनों की पोस्ट ज्यादा दिखेगी
फेसबुक पर दोस्तों और परिजनों की पोस्ट ज्यादा दिखेगी
फेसबुक के जरिए अपना कारोबार बढ़ाने वाली कंपनियां इस खबर को देखकर परेशान हो सकती हैं. क्योंकि फेसबुक अब विज्ञापनों के बजाय अपने न्यूज फीड में दोस्तों और परिवार वालों को अधिक अहमियत देगी.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक के संस्थापक और प्रमुख कार्यकारी मार्क जकरबर्ग ने इस साल फेसबुक में किए जाने वाले नए बदलावों पर खुलकर चर्चा की. इन बदलावों के तहत कंपनी अब ऐसी न्यूज फीड को प्राथमिकता देगी जो दोस्तों और परिवारों की ओर से साझा की गई होंगी. साथ ही कंपनी किसी ब्रांड या अन्य पब्लिशर्स के कंटेट को न्यूज में कम करेगी.
जकरबर्ग ने कहा ने पिछले सालों में फेसबुक अलॉगरिद्म ऐसे कंटेट को प्रमुखता देती रही जो लाइक्स या कमेंट्स के जरिए यूजर्स को बांधे रखता था. अब कंपनी ने इस रणनीति को बदल दिया है. उन्होंने कहा कि लक्ष्य बदल रहे हैं ताकि सार्थक बातचीत को बढ़ाया जा सकें. फेसबुक के उपाध्यक्ष जॉन हेगेमैन ने साफ किया कि इन बदलावों का सोशल नेटवर्क पर दिए जाने वाले विज्ञापनों पर कोई असर नहीं होगा.
दरअसल पिछले कुछ समय से फेसबुक और बाजार में इसके अन्य प्रतिस्पर्धी आलोचनाओं का शिकार हो रहे हैं. आलोचना ये कि यहां दिखाए जाने उत्पाद और अन्य सामग्री, यूजर्स पर गहरी छाप छोड़ती है. राजनीतिक और सामाजिक मुद्दे पर लोगों के मतभेद, विवाद बढ़ने लगे हैं, साथ ही सोशल मीडिया की लत लोगों में घर करती जा रही है. इन्हीं वजहों के चलते फेसबुक नियमन पर भी बहस चल रही थी.
फेसबुक की आलोचना इस बात को लेकर भी रही है कि इसने भ्रामक सामग्री और गलत जानकारी को हवा दी है. साथ ही साल 2016 में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के अतिरिक्त अन्य देशों के राजनीतिक घटनाक्रमों को भी प्रभावित किया है. पिछले साल फेसबुक ने एक खुलासे में माना था कि रूसी एजेंटों ने इसका प्रयोग अमेरिकी चुनावों के दौरान गलत संदेशों के प्रचार के लिए किया. फेसबुक को दुनिया के 2 अरब से भी ज्यादा लोग हर माह इस्तेमाल करते हैं. यह दुनिया का सबसे बड़ा सोशल नेटवर्क है.
एए/एनआर (रॉयटर्स)
जकरबर्ग ने कहा ने पिछले सालों में फेसबुक अलॉगरिद्म ऐसे कंटेट को प्रमुखता देती रही जो लाइक्स या कमेंट्स के जरिए यूजर्स को बांधे रखता था. अब कंपनी ने इस रणनीति को बदल दिया है. उन्होंने कहा कि लक्ष्य बदल रहे हैं ताकि सार्थक बातचीत को बढ़ाया जा सकें. फेसबुक के उपाध्यक्ष जॉन हेगेमैन ने साफ किया कि इन बदलावों का सोशल नेटवर्क पर दिए जाने वाले विज्ञापनों पर कोई असर नहीं होगा.
फेसबुक की आलोचना इस बात को लेकर भी रही है कि इसने भ्रामक सामग्री और गलत जानकारी को हवा दी है. साथ ही साल 2016 में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के अतिरिक्त अन्य देशों के राजनीतिक घटनाक्रमों को भी प्रभावित किया है. पिछले साल फेसबुक ने एक खुलासे में माना था कि रूसी एजेंटों ने इसका प्रयोग अमेरिकी चुनावों के दौरान गलत संदेशों के प्रचार के लिए किया. फेसबुक को दुनिया के 2 अरब से भी ज्यादा लोग हर माह इस्तेमाल करते हैं. यह दुनिया का सबसे बड़ा सोशल नेटवर्क है.
एए/एनआर (रॉयटर्स)
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